असानी चक्रवात I Asani Cyclone क्या है।

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  असानी चक्रवात । Asani Cyclone क्या है।     असानी चक्रवात (Cyclone) एक प्रकार का भीषण चक्रवात है, जो 10 मई 2022 को बंगाल की खाडी से उठना शुरु हुआ और जिसने तीव्र गति से तटीय आंध्र, उडीसा व पश्चिम बंगाल के तटीय व समीपवर्ती मैदानी इलाकों में अपना कहर दिखाया। जो 11-12 की.मी. प्र/घ. की से आगे बढा और 17-18 की.मी. प्र/घ. की रफ्तार पकड गया। माैसम विभाग के अनुसार 120 की.मी. प्र/घ. की रफ्तार के साथ तेज़ हवायें चलेंगी साथ ही बारिश होने के भी आसार हैं।         साभार - सोशल मीडिया                                                                                                            आईएमडी (IMD- Indian Meteorological Department), भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि चक्रवात असानी उत्तर-पश्चिम दिशा में 16  की.मी. प्र/घ. की रफ्तार से आगे बढ रहा है जो कि काकीनाडा व विशाखापत्तनम के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। बंगाल की खाडी में होते कम दवाब को देखते हुये उन्होंने तीन दिन पूर्व ही इसकी चेतावनी दे दी थी।  श्री उमाशंकर दास, वरिष्ठ वैज्ञानिक, IMD   साभार-रिसर्चगेट.नेट            

ओज़ोन व ओज़ोन परत

 

ओजोन ओजोन परत  क्या है 

    ओजोन एक प्रकार की रंगहीन से लेकर हल्के नीले रंग की ऑक्सीजन गैस है , जिसमें ऑक्सीजन के तीन एटम (O3) होते हैं। यह गैस अस्थिर कम समय के लिए स्थित  रहती है  और कुछ समय बाद स्वतः ही अपने मूल रूप O2 में जाती है। ओजोन गैस समताप मण्डल में स्थिर रहती है पृथ्वी से १५ से ३५ किलो मीटर ऊपर पाई जाती है। 

    ओजोन गैस की परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV Rays) को  पृथ्वी पर आने से रोकती हैं , जो कि हमारे लिए हानिकारक होती हैं। 

    वायुमण्डल में उपस्थित ओजोन गैस के फैलाव की चादर (मोटाई) को ही ओजोन परत कहते हैं।


ओजोन की खोज़ 

    ओजोन  की खोज १९१३ में भौतिकशास्त्री चार्ल्स फेबी हेनरी बुसन ने की। ओजोन शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द "OZIEN" से हुई है जिसका अर्थ होता है - Smell (गंध ). यह एल्कलाई ठन्डे पानी में घुलनशील होती है। 

     १९२८ - १९५८ के दौरान ब्रिटेन के डॉबसन ने दुनिया भर में ओजोन निगरानी केंद्र का एक नेट्वर्क स्थापित  किया। उन्होंने भूमितल से ओज़ोन की उपस्थिति (परत की मोटाई )   मापने का एक यन्त्र 'स्पेक्ट्रोफोमीटर ' बनाया। उन्हीं के सम्मान में ओजोन नापने की इकाई का नाम ' डॉबसन इकाई ' रखा गया। 

 ओजोन का निर्माण

   ओजोन गैस वातावरण में रासायनिक परिवर्तनों के फलस्वरूप बनती है। बिजली कड़कने से उच्च विद्दुत वोल्टेज पैदा होने के फलस्वरूप ओजोन गैस का निर्माण होता है।  वर्षा होने के समय भी ओजोन गैस बनती है।वर्षा के समय आने वाली विशेष  गंध प्राकृतिक ओजोन की उपस्थिति दर्शाती है।  सूर्य की पराबैंगनी किरणे भी इसके बनने में सहायक है। ओजोन गैस भौतिक रूप से ओजोन जनरेटर से भी उत्पादित की जाती है। 

(स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन (Stratospheric Ozone)यह  वायुमण्डल  में १५-३५ कि० मी   की ऊंचाई पर बनती है।  सूर्य किरणों के पराबैंगनी विकरण ऑक्सीज़न के एक अणु (O2) को दो परमाणुओं (2O)में परिवर्तित कर देता है फिर यही ऑक्सीज़न के परमाणु एक अन्य ऑक्सीज़न के अणु से मिलते हैं , जिससे ओजोन (O3) का निर्माण होता है I


(ट्रोपोस्फोरिक ओजोन(Troposphoric Ozone)- यह पृथ्वी की सतह के पास प्राकृतिक भौतिक रूप से पैदा हुई गैसों के रासायनिक परिवर्तन की वजह से बनती है।  

                                                     


प्रथमदृष्ट्या, ओजोन का निर्माण हाइड्रोकार्बन्स  (NOx-Oxide of nitrogen एवं  VOC-volatile organic compound ) में सूर्य की किरणों एवं उष्णता की वजह से रासायनिक परिवर्तनों के कारण होता है। 

ओजोन होल 

      स्ट्रेटोस्फियर में पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्र के ऊपर ओजोन परत के क्षीण होने को ही ओजोन  होल (Ozone Hole) या छेद कहते हैं। जिससे ओजोन परत सूर्य की पराबैंगनी किरणों को रोकने में असमर्थ हो जाती है।जो ग्लोबल वार्मिंग को भी बढ़ावा देती है। 

     ओजोन परत ODS(Ozone Depleting Substance) जैसे -CFCs, HCFCs, Holone,CCI4,CF4 आदि  की वजह से क्षीण हो जाती है। जो ग्लोबल वार्मिंग को भी बढ़ावा देती है.

ओजोन  की उपयोगिता  

   ओजोन गैस का प्रयोग बड़े - बड़े कारखानों में कई प्रकार से किया जाता है।  इससे विभिन्न प्रकार के रसायन बनाये जाते हैं। ओजोन गैस पानी हवा को शुद्ध करने के प्रयोग में लाई जाती है। कारखानों के गंदे पानी का शुद्धिकरण ,तेल , मोम ब्लीचिंग एजेंट के रूप में भी  इसका प्रयोग होता है। आजकल ओजोन थेरपी ट्रीटमेंट प्रचलित है जिसमे ओजोन गैस का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ओजोन का  हवा पानी के माध्यम से प्रयोग होता है जो

हमारी रोग प्रतिरोषाक क्षमता को बढ़ाता है।  यह विभिन्न रोगो को प्रभावहीन करती है बढ़ने से रोकती है।

     ओजोन के अधिक घनत्व के संपर्क में आने से सिरदर्द , मुंह गले का सूखना , छाती में भारीपन  साँस का छोटा होना हो जाता है। इससे फेफड़ों में पानी सा भर जाता है अस्थमा तक भी हो सकता है। ओजोन की कमी से त्वचा के विभिन्न रोग , त्वचा कैंसर अन्य जैवकीय असंतुलन हो जाते हैं। 

 

ओजोन दिवस की प्रासंगिकता

 संपूर्ण विश्व १६ सितम्बर को विश्व ओज़ोन दिवस के रूप में मनाता है। 

    सन १९७६ में विभिन्न शोधों से यह तथ्य सामने आया कि वायुमंडल में ओजोन की परत या ओजोन शील्ड क्षीण हो रही है। जिसका प्रमुख कारण कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ मुख्यतः क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (CFCs) हैं। क्लोरीन ब्रोमीन जैसी गैसें जो उद्योगों से उत्सर्जित होती हैं, ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रही  हैं। इसके अलावा रेफ्रिजरेटर सी से निकलने वाली गैसें भी ओजोन परत को क्षीण करती हैं। 

    १९८७ में १६ सितम्बर के दिन संयुक्त राष्ट्र २४ अन्य देशों ने मांट्रियल प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर किये। जिसका उद्देश्य ओजोन को नुकसान पहुँचाने वाली गैसों को समाप्त करना , रोकना  ओजोन की संरक्षा करना था। यह मीटिंग कनाडा के मॉन्ट्रियल  शहर में हुई।  

 

    १६ सितम्बर यानि कि ' विश्व ओजोन दिवस ' . संपूर्ण विश्व १६ सितम्बर को विश्व ओज़ोन दिवस के रूप में मनाता है. जिसमें जनसाधारण की सहभागिता के साथ गोष्ठियां , रैलियां , सभाएं  कार्यक्रम आदि किये जाते हैं। तथा ओज़ोन परत /शील्ड की सुरक्षा संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं। वर्तमान में पर्यावरण में विभिन्न विषैले तत्व ओजोन की परत को क्षीण कर रहे हैं। जो कि समग्र मानवजति , पशु - पक्षी वनस्पति के लिए हानिकारक है। 

 

ओजोन दिवस २०२१ की थीम (THEME) - " Montreal Protocol Keeping us, our food, and vaccines cool."

  अतः हमें ओजोन दिवस की महत्ता को समझना चाहिए ओजोन की सुरक्षा के लिए दृणसंकल्पित रहना चाहिए। ओजोन की सुरक्षा हमारी अपनी मानवजाति की सुरक्षा है।

FAQ

1 . ओजोन नापने की इकाई का नाम क्या है और इसे किस यन्त्र से मापा जाता है ? 

   ओजोन नापने की इकाई का नाम "डॉब्सन" है और इसे नापने का यन्त्र         "स्पेक्ट्रोफोमीटर" है | 

2 . ओजोन परत  नष्ट करने वाली गैस कौन सी है ?

     ओजोन परत को नष्ट करने करने वाली गैसों में क्लोरो फ्लोरो कार्बोन (सी एफ सी) और नाइट्रस ऑक्साइड जिसे लाफिंग गैस के नाम से भी जाना जाता है, प्रमुखतया: हैं। 

3 . ओजोन छिद्र क्यों होता है और यह कहाँ है ?

      अत्यधिक प्रदूषण के कारण ओजोन परत क्षीण हो जाती है, इसे ही ओजोन छिद्र कहते हैं. आर्कटिक के ऊपर सबसे बड़ा ओजोन क्षिद्र है


 


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